कबीर साहित्य - दोहे, साखियाँ, पद व कबीर भजन
कबीर के पद
कबीर के पद।Article Under This Catagory
पद - राग आसावरी (1-10) - कबीरदास |
ऐसा रे अवधू की वाणी, ऊपरि कूवटा तलि भरि पाँणीं॥टेक॥ |
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माया का आकर्षण इतना प्रबल है कि कोई विरला ही गुरु कृपा से इससे बच पाता है। - कबीर
कबीर साहित्य - दोहे, साखियाँ, पद व कबीर भजन
पद - राग आसावरी (1-10) - कबीरदास |
ऐसा रे अवधू की वाणी, ऊपरि कूवटा तलि भरि पाँणीं॥टेक॥ |
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